यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी मिसाइल हमला, 14 लोगों की मौत
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यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने एक भीषण मिसाइल हमला किया है, जिसमें 14 आम नागरिकों की मौत हो गई। यह हमला आवासीय इमारतों और स्कूलों को निशाना बनाकर किया गया, जिससे पूरे शहर में तबाही फैल गई। इस हमले ने युद्ध की भयावहता को फिर से उजागर कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है, और इसे रूस द्वारा युद्ध को बढ़ाने का एक और कदम बताया है। यह घटना यूक्रेन के लोगों में डर और अनिश्चितता को और बढ़ा रही है, क्योंकि वे लगातार हमलों के साये में जी रहे हैं।
कीव पर रूसी मिसाइल हमला: जब यूक्रेन की राजधानी में फिर गूंजी तबाही की गूंज
यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध ने एक बार फिर दुनिया को दहला दिया है। हाल ही में यूक्रेन की राजधानी कीव पर हुए एक भीषण मिसाइल हमले ने 14 मासूम लोगों की जान ले ली, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत की कोशिशों में जुटा हुआ है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह संघर्ष कितनी भयावहता लिए हुए है।
हमले का विवरण और भयावह मंजर
28 अगस्त, 2025 की सुबह कीव के लोगों के लिए सामान्य नहीं थी। अचानक कई जोरदार धमाकों से पूरा शहर दहल उठा। रूसी सेना द्वारा छोड़ी गई क्रूज मिसाइलों ने शहर के रिहायशी इलाकों, खासकर एक अपार्टमेंट बिल्डिंग और एक स्कूल को निशाना बनाया। हमले की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गए, जिनमें जलते हुए मलबे, बचावकर्मी और हताश लोगों को देखा जा सकता है।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जो अपने घरों में सुरक्षित महसूस कर रहे थे। दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए घंटों तक संघर्ष करते रहे।
यह हमला सिर्फ इमारतों पर नहीं था, बल्कि यह यूक्रेन के लोगों के मनोबल पर भी एक प्रहार था। कीव के लोग पिछले कई महीनों से लगातार हमलों के डर में जी रहे हैं, और यह घटना उस डर को और गहरा करती है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और कूटनीतिक तनाव
कीव पर हुए इस हमले की दुनिया भर में कड़ी निंदा हो रही है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इसे 'अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन' बताया है। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के नेताओं ने रूस के इस कदम को 'अस्वीकार्य' करार दिया है और यूक्रेन को और अधिक सैन्य सहायता देने का वादा किया है।
इस हमले ने शांति प्रयासों को भी बड़ा झटका दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस इस तरह के हमलों के जरिए यूक्रेन पर अपनी शर्तों को थोपने का दबाव बना रहा है। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक मदद की गुहार लगाई है और रूसी सेना को 'आतंकवादी' बताया है।
युद्ध का बढ़ता दायरा और भविष्य की चिंताएं
यह हमला दिखाता है कि यूक्रेन-रूस युद्ध का दायरा लगातार बढ़ रहा है। अब यह सिर्फ सीमावर्ती इलाकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह यूक्रेन के प्रमुख शहरों में आम नागरिकों के जीवन को भी प्रभावित कर रहा है। इस तरह के हमले यह भी संकेत देते हैं कि आने वाले समय में संघर्ष और अधिक हिंसक हो सकता है।
इस हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि युद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिकों को ही उठाना पड़ता है। जब तक यह संघर्ष खत्म नहीं होता, तब तक यूक्रेन के लोगों के लिए सुरक्षा और सामान्य जीवन एक दूर का सपना ही रहेगा। दुनिया की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव और कूटनीति इस हिंसा को रोक पाएगी या यह संघर्ष और भी लंबी खिंचता जाएगा।